Tuesday, December 29, 2015

कभी रो के मुस्कुराए , कभी मुस्कुरा के रोए, जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए, एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा, जितना लिख के खुश हुए उस से ज्यादा मिटा के रोए.

तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम!
बस यही एक वादा निभा पायेगें हम!
मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन!
तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम!

मेरी ज़िन्दगी में एक ऐसा शख्स भी है यारों......
जो मेरी पूरी जिंदगी है,और मैं उसका एक लम्हा भी नहीं...!!


 वो हमारे नहीं तो क्या गम है, हम तो उन्हीं के है ये क्या कम है, ना गम कम है ना आँसू कम हैं, देखते है रूलाने वाले में कितना दम है..


 मिलना इतिफाक था बिछरना नसीब था .. वो तुना हे दूर चला गया जितना वो करीब था .. हम उसको देखने क लिए तरसते रहे … जिस शख्स की हथेली पे हमारा नसीब था.

 चार कन्धे उनको भी मिलेंगे, चार कन्धे हमको भी मिलेंगे, फूल उन पर भी बरसेंगे, फूल हम पर भी बरसेंगे, बस फर्क इतना होगा.... उनका तो किसी को इन्तज़ार होगा.. और हमारा अन्तिम संसकार होगा...

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