Monday, December 28, 2015

टपरी पर चाय वाले ने हाथ में गिलास थमाते हुए पूछा......
"चाय के साथ क्या लोगे साहब"?
ज़ुबाँ पे लव्ज़ आते आते रह गए
"पुराने यार मिलेंगे क्या"???

जिम्मेदारियां मजबूर कर देती हैं अपना शहर छोड़ने को,
वरना कौन अपनी गली मे जीना नहीं चाहता.....

हसरतें आज भी खत लिखती हैं मुझे,
पर मैं अब पुराने पते पर नहीं रहता ....।

No comments:

Post a Comment