Monday, December 28, 2015

बचपन की पुरानी ‪#‎कहानियाँ‬
अगर आपको ‪#‎अच्छी‬ लगे तो कृपया ‪#‎लाइक‬ और ‪#‎शेयर‬ जरूर करें ।।

जब हम अपने शर्ट में हाथ छुपाते थे
और लोगों से कहते फिरते थे देखो मैंने अपने हाथ जादू से हाथ गायब कर दिए !

जब हमारे पास चार रंगों से लिखने वाली एक पेन हुआ करती थी
और हम सभी के बटन को एक साथ दबाने की कोशिश किया करते थे |

जब हम दरवाज़े के पीछे छुपते थे
ताकि अगर कोई आये तो उसे डरा सके..

जब आँख बंद कर सोने का नाटक करते थे
ताकि कोई हमें गोद में उठा के बिस्तर तक पहुचा दे |

सोचा करते थे की ये चाँद हमारी साइकिल के पीछे पीछे क्यों चल रहा हैं |

टोर्च On/Off वाले स्विच को बीच में अटकाने की कोशिश किया करते थे |

फल के बीज को इस डर से नहीं खाते थे की कहीं हमारे पेट में पेड़ न उग जाए |

बर्थडे सिर्फ इसलिए मनाते थे ताकि ढेर सारे गिफ्ट मिले |

फ्रिज को धीरे से बंद करके ये जानने की कोशिश करते थे की इसकी लाइट कब बंद होती हैं |

सच , बचपन में सोचते हम बड़े क्यों नहीं हो रहे ?
और अब सोचते हम बड़े क्यों हो गए ?

ये दौलत भी ले लो..ये शोहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी..

मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन ...।।
वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी..।।

No comments:

Post a Comment