एक बहु और एक सास, और उनके पुत्र श्री प्रकाश, बैठे थे उदास!
अचानक माँ ने कहा - " बेटा कल्पना करो किहम और बहू दोनों गंगा जी नहाने जाएँ,
हमारा पैर फिसल जाए,
और हम दोनों डूबने लग जाएँ,
तो तू अपना धरम कैसे निभाएगा?
डूबती हुई माँ और बीबी में किसको बचाएगा??
"मेहरबान ! कदरदान ! साहिबान ! लड़का था परेशान!
उसके दिमाग में कोई युक्ति नहीं आई!
क्योंकि, एक तरफ था कुआँ और दूसरी तरफ थी खाई!
अचानक बीबी ने मुँह खोला
और यूँ बोली -"हे मेरे नव-पतिदेव,
आप अपना धर्म श्रवण कुमार की तरह निभाना।
डूबती हुई माँ और बीबी में अपनी माँ को ही बचाना।
माँ की ममता की लाज को मत लजाना।
अरे हमारा क्या है हम तो जवान हैं,मौत से भी जूझ जाएँगे और हमें बचाने के लिए
तो जिन्हे तैरना नहीं आता साले वो भी कूद जाएँगे।"
😝😝😝😜
अचानक माँ ने कहा - " बेटा कल्पना करो किहम और बहू दोनों गंगा जी नहाने जाएँ,
हमारा पैर फिसल जाए,
और हम दोनों डूबने लग जाएँ,
तो तू अपना धरम कैसे निभाएगा?
डूबती हुई माँ और बीबी में किसको बचाएगा??
"मेहरबान ! कदरदान ! साहिबान ! लड़का था परेशान!
उसके दिमाग में कोई युक्ति नहीं आई!
क्योंकि, एक तरफ था कुआँ और दूसरी तरफ थी खाई!
अचानक बीबी ने मुँह खोला
और यूँ बोली -"हे मेरे नव-पतिदेव,
आप अपना धर्म श्रवण कुमार की तरह निभाना।
डूबती हुई माँ और बीबी में अपनी माँ को ही बचाना।
माँ की ममता की लाज को मत लजाना।
अरे हमारा क्या है हम तो जवान हैं,मौत से भी जूझ जाएँगे और हमें बचाने के लिए
तो जिन्हे तैरना नहीं आता साले वो भी कूद जाएँगे।"
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