Sunday, October 5, 2014

 "चिँगारियोँ को हवा दे कर हम
 दामन नहीँ जलाते,

बुलंद इरादे हमारे पूरे शहर मेँ
आग लगाते हैँ..!!!
💥💥💥💥💥💥💥



‬: सुहाना मौसम ओर हवा मे
नमी होगी
आशुंओ की बहती नदी होगी
मिलना तो हम तब
भी चाहेगे आपसे
जब आपके पास वक्त और
हमारे पास
सासों कि कमी होगी




रब ने नवाजा हमें जिंदगी देकर;
और हम शौहरत मांगते रह गये;

जिंदगी गुजार दी शौहरत के पीछे;
फिर जीने की मौहलत मांगते रह गये।

ये कफन, ये जनाज़े, ये कब्र, सिर्फ बातें हैं मेरे दोस्त,
वरना मर तो इंसान तभी जाता है जब याद करने वाला कोई ना हो...!!



 लोग बरसों जुदा होके जीते हैं, एक दूजे के बिना.
मगर अपना तो यह हाल है सनम,
एक पल एक दिन जी सकेंगे ना हम, एक दूजे के बिना.



तन्हाईयों में मुस्कुराना इश्क है,
एक बात को सबसे छुपाना इश्क है,
यु तो नींद नहीं आती हमें रात भर,
मगर सोते-सोते जागना और जागते-जागते सोना इश्क है.



जिंदगी में हद से ज्यादा ख़ुशी और हद से ज्यादा गम का कभी किसी से इज़हार मत करना क्योंकि ये दुनिया बड़ी ज़ालिम है। हद से ज्यादा ख़ुशी पर 'नज़र' और हद से ज्यादा गम पर 'नमक' लगाती है।



रोज़ किसी का इंतजार होता है,

रोज़ ये दिल बेक़रार होता है,

काश के कोई समझ पाता,

की चुप रहने वालों को भी

किसी से बेहद प्यार होता है...

No comments:

Post a Comment