Wednesday, July 15, 2015

पुत्र : पापा “नेतागिरी” क्या है?
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बाप : तेरी माँ घर चलाती है.. उसे “सरकार” मान लो,
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में कमाता हूँ.. मुझे “कर्मचारी” मान लो.
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कामवाली काम करती है उसे “मज़दूर” मान लो.
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और तुम देश की जनता.
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छोटे भाई को देश का “भविष्य” मान लो.
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पुत्र : अब मुझे नेतागिरी समझ में आ गयी पापा..
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कल रात मैंने देखा की “कर्मचारी मज़दूर के साथ किचन में भ्रष्टाचार कर रहा था.
सरकार सो रही थी, जनता चुपछाप देख रही थी और देश का भविष्य रो रहा था..।।। 😝😂😝😜😜😜


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