Thursday, July 23, 2015

🌿बोये जाते हैं बेटे..

🌿पर उग जाती हैं बेटियाँ,

🌿खाद पानी बेटों को..

🌿पर लहराती हैं बेटियां,

🌿स्कूल जाते हैं बेटे..

🌿पर पढ़ जाती हैं बेटियां,

🌿मेहनत करते हैं बेटे..

🌿पर अव्वल आती हैं बेटियां,

🌿रुलाते हैं जब खूब बेटे..

🌿तब हंसाती हैं बेटियां,

🌿नाम करें न करें बेटे..

🌿पर नाम कमाती हैं बेटियां,

🌿जब दर्द देते बेटे...

🌿तब मरहम लगाती बेटियां,

🌿छोड़ जाते हैं जब बेटे..

🌿तो काम आती हैं बेटियां,

🌿आशा रहती है बेटों से..

🌿पर पूरी करती हैं बेटियां,

🌿हजारों फरमाइश से भरे हैं बेटे....

🌿पर समय की नज़ाकत को समझती बेटियां,

🌿बेटी को चांद जैसा मत बनाओ कि हर कोई घूर घूर कर देखे...

🚫किंतु....

🌿बेटी को सूरज जैसा बनाओ ताकि घूरने से पहले सब की नजर झुक जाये.
🙋🙋🙋🙋🙋🙋💆


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