ज़िन्दगी के इस कश्मकश मैं
वैसे तो मैं भी काफ़ी बिजी हुँ ,
लेकिन वक़्त का बहाना बना कर ,
अपनों को भूल जाना मुझे आज भी नहीं आता !
जहाँ यार याद न आए वो तन्हाई किस काम की,
बिगड़े रिश्ते न बने तो खुदाई किस काम की,
बेशक अपनी मंज़िल तक जाना है ,
पर जहाँ से अपना दोस्त ना दिखे
वो ऊंचाई किस काम की!!! "हर् स्कूल में लिखा होता है, "
"ऊसूल " तोडना मना है .....!!
हर बाग में लिखा होता है ,
"फूल " तोडना मना है ..!!
हर खेल मैं लिखा होता है ,
"रूल " तोडना मना है ..!!
.
.
काश ..!!
.
.
रिश्ते,परिवार ,दोस्ती मैं
भी लिखा होता की ..,
किसी का "दिल "
तोडना मना है ..!👌👌
वैसे तो मैं भी काफ़ी बिजी हुँ ,
लेकिन वक़्त का बहाना बना कर ,
अपनों को भूल जाना मुझे आज भी नहीं आता !
जहाँ यार याद न आए वो तन्हाई किस काम की,
बिगड़े रिश्ते न बने तो खुदाई किस काम की,
बेशक अपनी मंज़िल तक जाना है ,
पर जहाँ से अपना दोस्त ना दिखे
वो ऊंचाई किस काम की!!! "हर् स्कूल में लिखा होता है, "
"ऊसूल " तोडना मना है .....!!
हर बाग में लिखा होता है ,
"फूल " तोडना मना है ..!!
हर खेल मैं लिखा होता है ,
"रूल " तोडना मना है ..!!
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काश ..!!
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रिश्ते,परिवार ,दोस्ती मैं
भी लिखा होता की ..,
किसी का "दिल "
तोडना मना है ..!👌👌
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