Monday, December 7, 2015

जिंदगी अगर कम्प्यूटर होती और रिश्ते प्रोग्राम तो शायद इसमें भी हमें कस्टमर केयर को फोन कर टेक्नीकल सपोर्ट की मदद लेनी पड़ती।
कुछ ऐसे - -----------

एक महिला ने आईटी टेक्नीकल सपोर्ट को फोन किया :
महिला : मुझे ‘हस्बैंड 1.0’ प्रोगाम में मुश्किल हो रही है।

टेक्नीकल सपोर्ट : कब से है यह दिक्कत।

महिला : देखिए, पिछले साल मैंने अपने ‘बॉयफ्रेंड 5.0’ को अपडेट कर ‘हस्बैंड 1.0’ इंस्टॉल किया था। उसके बाद से ही पूरा सिस्टम स्लो हो गया है।

खासतौर पर ‘फ्लॉवर’ और ‘ज्वेलरी’ एप्लीकेशन ने काम करना बंद कर दिया है।

ये एप्स ‘बॉयफ्रेंड 5.0’ में अच्छी चलती थीं।
इसके अलावा ‘हस्बैंड 1.0’ ने ‘रोमांस 9.5’ प्रोग्राम भी अनइंस्टॉल कर दिया है।
इसकी जगह ‘न्यूज 5.0’, ‘मनी 3.0’ और ‘क्रिकेट 4.1’ जैसे फालतू प्रोग्राम इंस्टॉल हो गए हैं।
अब मैं इसे कैसे सुधारूं?

टेक्नीकल सपोर्ट : जी मैम,
‘हस्बैंड 1.0’ इंस्टॉल करने के बाद ऐसी समस्या होती रहती है।

सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें कि ‘बॉयफ्रेंड 5.0’ एक एंटरटेनमेंट पैकेज था,
जबकि ‘हस्बैंड 1.0’ ऑपरेटिंग सिस्टम है।
इसे सुधारने के लिए ‘आंसू 6.2’ प्रोगाम डाउनलोड करें।

इससे ‘ज्वेलरी 3.0’ और ‘फ्लॉवर्स 3.5’ एप्लीकेशन अपने आप इंस्टॉल हो जाएंगी।

हालांकि याद रखें-
‘आंसू 6.2’ ज्यादा इस्तेमाल करने पर ‘हस्बैंड 1.0’ हमेशा के लिए ‘साइलेंस 3.5’ या ‘बियर 3.1’ पर चला जाएगा।

साथ ही ‘हस्बैंड 1.0’ के ओरिजनल पैकेज को डिस्टर्ब न करें।

ऐसा करने पर नया वायरस ‘गर्लफ्रेंड 2.5’ डाउनलोड हो जाता है।

इसके अलावा ‘बॉयफ्रेंड 5.0’ को दोबारा इंस्टॉल करने की कोशिश भी न करें।

ऐसा करने पर आपका लाइफ ऑपरेटिंग सिस्टम क्रैश हो जाएगा।
बाकी आपकी मर्जी।

😛😜😀😂😄😛

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