Friday, December 4, 2015

ज़िन्दगी निकल जाती है ढूँढने में कि,
ढूंढना क्या है..?
अंत में तलाश सिमट जाती है
इस 'सुकून' में कि जो मिला,
वो भी कहाँ 'साथ' लेकर जाना है.🌷

समय' हर 'समय' को बदल देता है,

सिर्फ 'समय' को थोड़ा 'समय' दो !
🌹

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