कभी थकन के असर का पता नहीं चलता
वो साथ हो तो सफ़र का पता नहीं चलता
वही हुआ कि मैं आँखों में उस की डूब गया
वो कह रहा था भंवर का पता नहीं चलता
उलझ के रह गया सेलाब करया-ए-दिल से
नहीं तो दीदा-ए-तर का पता नहीं चलता
उसे भी खिड़कियां खोले ज़माना बीत गया
मुझे भी शाम-ओ-सहर का पता नहीं चलता
ये मंसुबों का इलाक़ा है इस लिए शायद
किसी के नाम से घर का पता नहीं चलता
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