Sunday, June 26, 2016

व्यवहार मीठा ना हों तो हिचकियाँ भी नहीं आती,
बोल मीठे न हों तो कीमती मोबाईलो पर घन्टियां भी नहीं आती।
घर बड़ा हो या छोटा, अग़र मिठास ना हो,
तो ईंसान तो क्या, चींटियां भी नजदीक नहीं आती।
जीवन का 'आरंभ' अपने रोने से होता हैं..,
और
जीवन का 'अंत' दूसरों के रोने से,
इस "आरंभ और अंत" के बीच का समय भरपूर हास्य भरा हो...
बस यही सच्चा जीवन है...!!!
                          हे प्रभु
           न किसी का फेंका हुआ मिले,
            न किसी से छीना हुआ मिले,
               मुझे बस मेरे नसीब मे
                  लिखा हुआ मिले,
                  ना मिले ये भी तो
                   कोई ग़म नही
             मुझे बस मेरी मेहनत का
                  किया हुआ मिले..
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

No comments:

Post a Comment