Saturday, June 18, 2016


ऐ उम्र !
कुछ कहा मैंनें,
पर शायद तूने सुना नहीं...
तू छीन सकती है बचपन मेरा,
पर बचपना नहीं...!!!

हर बात का कोई जवाब नहीं होता
हर इश्क का नाम खराब नहीं होता...
यूँ तो झूम लेते हैं नशे में पीने वाले
मगर हर नशे का नाम शराब नहीं होता...

खामोश चेहरे पर हज़ारों पहरे होते हैं
हँसती आखों में भी ज़ख़्म गहरे होते हैं
जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं हम,
असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते हैं...

किसी ने खुदा से दुआ माँगी,
दुआ में अपनी मौत माँगी,
खुदा ने कहा, मौत तो तुझे दे दूँ मगर,
उसे क्या कहूँ जिसने तेरी ज़िंदगी की दुआ माँगी...

हर इन्सान का दिल बुरा नहीं होता
हर एक इन्सान बुरा नहीं होता
बुझ जाते हैं दीये कभी तेल की कमी से...
हर बार कुसूर हवा का नहीं होता !!!

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