*अनमोल बातें*
* धन तभी सार्थक हैं,
जब धर्म भी साथ हो।
* विशिष्टता तभी सार्थक हैं,
जब शिष्टता भी साथ हो।
* सुंदरता तभी सार्थक हैं,
जब चरित्र भी शुद्ध हो।
* संपत्ति तभी सार्थक हैं,
जब स्वास्थ्य भी अच्छा हो।
* देवस्थान गमन तभी सार्थक हैं,
जब हृदय में भाव हो।
* अच्छा व्यापार तभी सार्थक हैं,
जब व्यवहार भी अच्छा हो।
* विद्वता तभी सार्थक हैं,
जब सरलता भी साथ हो।
* प्रसिद्धि तभी सार्थक हैं,
जब मन में निरअहंकारिता हो।
* बुद्धिमत्ता तभी सार्थक हैं,
जब विवेक भी साथ हो।
* परिवार का होना तभी सार्थक हैं,
जब उसमें प्यार और विश्वास हो।
शुभसंध्या
* धन तभी सार्थक हैं,
जब धर्म भी साथ हो।
* विशिष्टता तभी सार्थक हैं,
जब शिष्टता भी साथ हो।
* सुंदरता तभी सार्थक हैं,
जब चरित्र भी शुद्ध हो।
* संपत्ति तभी सार्थक हैं,
जब स्वास्थ्य भी अच्छा हो।
* देवस्थान गमन तभी सार्थक हैं,
जब हृदय में भाव हो।
* अच्छा व्यापार तभी सार्थक हैं,
जब व्यवहार भी अच्छा हो।
* विद्वता तभी सार्थक हैं,
जब सरलता भी साथ हो।
* प्रसिद्धि तभी सार्थक हैं,
जब मन में निरअहंकारिता हो।
* बुद्धिमत्ता तभी सार्थक हैं,
जब विवेक भी साथ हो।
* परिवार का होना तभी सार्थक हैं,
जब उसमें प्यार और विश्वास हो।
शुभसंध्या
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