Wednesday, June 29, 2016

एक औरत थी,
जो अंधी थी,
जिसके कारण उसके बेटे को
स्कूल
में बच्चे चिढाते थे,
कि अंधी का बेटा आ गया,
हर बात पर उसे ये शब्द
सुनने
को मिलता था कि "अन्धी
का बेटा" .
इसलिए वो अपनी माँ से
चिडता था . उसे
कही भी अपने
साथ लेकर जाने में
हिचकता था
उसे नापसंद करता था..
उसकी माँ ने उसे पढ़ाया..
और उसे इस लायक बना
दिया की वो अपने पैरो
पर
खड़ा हो सके..
लेकिन जब वो बड़ा आदमी
बन
गया तो अपनी माँ को
छोड़
अलग रहने लगा..
एक दिन एक बूढी औरत
उसके घर
आई और गार्ड से बोली..
मुझे तुम्हारे साहब से
मिलना है जब गार्ड ने
अपने मालिक से
बोल तो मालिक ने कहा
कि बोल
दो मै अभी घर पर नही हूँ.
गार्ड ने जब बुढिया से
बोला कि वो अभी नही
है..
तो वो वहा से चली
गयी..!!
थोड़ी देर बाद जब लड़का
अपनी कार से
ऑफिस के लिए
जा रहा होता है..
तो देखता है कि सामने
बहुत भीड़
लगी है..
और जानने के लिए कि वहा
क्यों भीड़
लगी है वह
वहा गया तो देखा उसकी
माँ वहा मरी पड़ी थी..
उसने
देखा की उसकी मुट्ठी में
कुछ है उसने जब
मुट्ठी खोली तो देखा की
एक
लेटर जिसमे यह
लिखा था कि बेटा जब तू
छोटा था तो खेलते वक़्त
तेरी आँख में सरिया धंस
गयी थी और तू
अँधा हो गया था तो मैंने
तुम्हे
अपनी आँखे दे दी थी..
इतना पढ़ कर लड़का जोर-
जोर से
रोने लगा..
उसकी माँ उसके पास नही

सकती थी..
दोस्तों वक़्त रहते ही
लोगो की वैल्यू
करना सीखो..
माँ-बाप का कर्ज हम
कभी नही चूका सकत..
हमारी प्यास का अंदाज़
भी अलग है
दोस्तों,
कभी समंदर को ठुकरा देते
है,
तो कभी आंसू तक पी जाते
है..!!!
"बैठना भाइयों के बीच,
चाहे "बैर" ही क्यों ना
हो..
और खाना माँ के हाथो
का,
चाहे "ज़हर" ही क्यों ना
हो..!!...
अगर आप अपनी माँ को
बेहद प्यार करते है तो ये
मैसज को इतना फेला ओ
जितना तुम अपनी माॅ। को
चाहतें हो
आगे share करें..

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