Wednesday, June 22, 2016

वो अपना काम निकालते हैं कुछ इस हुनर से
कि आप धोखे खाकर भी उनसे मिला करते हैं

आपकी जान कब वो लेगा, ये खबर नहीं आपको
और आप उनकी सलामती की दुआ करते हैं

एक दिन दिल तोड़ता है वो शख्स मुस्कुराकर
रो-रो के तब खुद ही से आप गिला करते हैं

होता है तज़रबा ऐसा कि दुनिया की राह पे
आदमी से बच-बच कर आप चला करते हैं

परायों को तो खैर आप दुश्मन समझते ही हैं
अपनों से भी डर-डर कर रहा करते हैं

कोसते रहते हैं अपनी जिंदगी को उम्रभर
भीड़ में हंसते हैं मगर तन्हाई में रोया करते हैं


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