Saturday, August 8, 2015

हसने वाली बात नही है..पुरे ध्यान से पुरा पढे

: एक लड़के की शादी हो गई..
कल का लड़का आज पति बन गया..

कल तक मौज करता, हर एक पर comment कसने वाला लड़का,
अब किसी का रखवाला बन गया..

कल तक अंडरवियर पर पूरे घर में घूमने वाला लड़का,
आज नाईट सूट पहन कर बेडरूम में जाना सीख गया..

रोज मजे से पैसे खर्च करने वाला लड़का
आज साग-सब्जी का भाव करना सीख गया..

कल तक FULL SPEED में बाइक चलाने वाला लड़का,
आज BIKE के पीछे बैठालकर हौले हौले चलाना सीख गया..

कल तक तो तीन टाईम फुल खाना खाने वाला लड़का
आज अपने ही घर में खाना बनाने में मदद करना सीख गया...

हमेशा जिद करने वाला लड़का,
आज किसी की जिदों को पूरा करना सीख गया..

♻ कल तक तो मम्मी से काम करवाता लड़का,
आज बीबी के काम करना सीख गया..

कल तक तो भाई-बहन के साथ झगड़ा करता लड़का,
आज साली सालों से प्यार से बोलना सीख गया..

पिता की आँख का पानी,
बीबी के ग्लास का पानी बन गया..

❎ फिर भी लोग कहते हैं कि बेटी परायी हो गयी..

पर वास्तव में बेटा पराया होता है ।

यह बलिदान केवल लड़का ही कर सकता है, जो अपने ही घर में रहकर पराया हो जाता है इसिलिए हमेशा बेचारे लड़के की झोली दया और प्यार से भरी रखना

शेयर जरुर करें और लडकों को सम्मान दे!

कौन है पुरुष (who is a male)
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¤ भगवान की ऐसी रचना जो बचपन से हीत्याग
और समझौता करना सीखता है ।
¤ वह अपने चॉकलेटस का त्याग करता है बहन के
लिये ।
¤ वह अपने सपनो का त्याग कर माता-
पिता की खुशी के लिये उनके अनुसार कैरियर
चुनता है।
¤ वह अपनी पूरी पॉकेट मनी गर्ल फ़्रेंड के लिये
गिफ़्ट खरीदने में लगाता है ।
¤ वह अपनी पूरी जवानी बीवी-बच्चों के लिये
कमाने में लगाता है ।
¤ वह अपना भविष्य बनाने के लिये लोन लेता है
और बाकी की ज़िंदगी उस लोन को चुकाने में
लगाता है ।
¤ इन सबके बावजुद वह पूरी ज़िंदगी पत्नी,
माँ और बॉस से डांट सुनने में लगाता है ।
¤ पूरी ज़िंदगी पत्नी, माँ, बॉस और सास उस पर
कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं ।
¤ उसकी पूरी ज़िंदगी दुसरो के लियेही बीतती है

और बेचारा पुरुष
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¤ बीवी पर हाथ उठाये तो "बेशर्म" ।
¤ बीवी से मार खाये तो "बुजदिल" ।
¤ बीवी को किसी और के साथदेख कर कुछ कहे
तो "शक्की" ।
¤ चुप रहे तो "डरपोक" ।
¤ घर से बाहर रहे तो "आवारा" ।
¤ घर में रहे तो "नाकारा" ।
¤ बच्चों को डांटे तो"ज़ालिम" ।
¤ ना डांटे तो "लापरवाह" ।
¤ बीवी को नौकरी करने से रोके तो"शक्की" ।
¤ बीवी को नौकरी करने दे तो बिवी की "कमाई
खाने वाला" ।
¤ माँ की माने तो"चम्मचा" ।
¤ बीवी की माने तो "जोरु का गुलाम"।
पूरी ज़िंदगी समझौता, त्याग और संघर्ष में
बिताने के बावजुद वह अपने लिये कुछ
नहीं चाहता ।
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इसलिये पुरुष की हमेशा इज़्ज़त करें ।
पुरुष ,बेटा, भाई,
 पति, दामाद,
पिता हो सकता है, जिसका जीवन
हमेशा मुश्किलों से भरा हुआ है ।

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