🔆वाह रे जमाने तेरी हद हो गई,
बीबी के आगे मदर रद्द हो गई !
♻बड़ी मेहनत से जिसने पाला,
आज वो मोहताज हो गई !
♻और कल की छोकरी, तेरे
सर का ताज हो गई !
♻बीवी हमदर्द और मॉं सरदर्द
हो गई !
🔆वाह रे जमाने तेरी हद .........
♻पेट पे सुलाने वाली, पैरों में सो
रही है !
♻बीवी के लिए लिम्का,
मॉं पानी को रो रही है !
♻सुनता नहीं कोई, वो आवाज
देते देते सो गई !
🔆वाह रे जमाने तेरी हद .........
♻मॉं मांजती है बर्तन , वो सजती
संवरती है !
♻अभी निपटी ना बुढ़िया तू ,
इस लीये उस पर बरसती है !
♻अरे दुनिया को आई मौत,
मौत तेरी कहॉ गुम हो गई !
🔆वाह रे जमाने तेरी हद ..........
♻अरे जिसकी कोख में पला,
अब उसकी छाया बुरी लगती है,
♻बैठे होण्डा पे महबूबा,
कन्धे पर हाथ जो रखती,
♻वो यादें अतीत की,
वो मोहब्बतें मॉ की,
सब रद्द हो गई !
🔆 वाह रे जमाने तेरी हद ...........
♻बेबस हुई मॉ अब,
दिए टुकड़ो पर पलती है,
♻अतीत को याद कर,
तेरा प्यार पाने को मचलती है !
♻अरे मुसीबत जिसने उठाई,
वो खुद मुसीबत हो गई !
🔆 वाह रे जमाने तेरी हद .......
♻🌿♻🌿♻🌿♻🌿♻
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