Wednesday, June 15, 2016

मुझे देखकर ही डर जाते हैं लोग
रास्तों में मिलते ही कतराते हैं लोग

मेरी यारी जब किसी से बढ़ती है
पीठ पीछे उसे खूब समझाते हैं लोग

अगर भूल से कोई तारीफ करे मेरी
उस बात को वहीं दफनाते हैं लोग

मेरा दुश्मन जो कहीं पे मिल जाए
उसे तहे दिल से गले लगाते हैं लोग

सच कह देता हूं किसी के मुंह पर
मेरी इसी फितरत से घबड़ाते हैं लोग

No comments:

Post a Comment