Saturday, June 11, 2016

दिल के टुकड़े टुकड़े कर के, मुस्कुराके चल दिये
जाते जाते ये तो बता जा, हम जियेंगे किस के लिये

चाँद भी होगा, तारे भी होंगे, फूल चमन में प्यारे भी होंगे
लेकिन हमारा दिल ना लगेगा
भीगेगी जब जब रात सुहानी, आग लगायेगी रुत मसतानी
तूही बता कोई कैसे जियेगा
दिल के मारों को दिल के मालिक ठोकर लगाकर चल दिये

रूठे रहेंगे आप जो हम से, मर जायेंगे हम भी कसम से
सून ले हाथ छुड़ाने से पहले
जान हमारी, नाम पे तेरे जायेगी एक दिन दिलबर मेरे
सोच समझ ले जाने से पहले
यूँ अगर तुम दिल की तमन्ना को मिटाके चल दिये

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