Kisi shayar ne apni maut ko kya khoob pesh kiya hai
था मैं नींद में और मुझे इतना
सजाया जा रहा था....
.
बड़े प्यार से
मुझे नहलाया जा रहा था....
.
ना जाने
था वो कौन सा अजब खेल
मेरे घर में....
.
बच्चो की तरह मुझे
कंधे पर उठाया जा रहा था....
.
था पास मेरा हर अपना
उस वक़्त....
.
फिर भी मैं हर किसी के
मन से
भुलाया जा रहा था...
.
जो कभी देखते
भी न थे मोहब्बत की
निगाहों से....
.
उनके दिल से भी प्यार मुझ
पर लुटाया जा रहा था...
.
मालूम नही क्यों
हैरान था हर कोई मुझे
सोते हुए देख कर....
.
जोर-जोर से रोकर मुझे
जगाया जा रहा था...
.
काँप उठी
मेरी रूह वो मंज़र
देख कर....
.
जहाँ मुझे हमेशा के
लिए सुलाया जा रहा था....
.
मोहब्बत की
इन्तहा थी जिन दिलो में
मेरे लिए....
.
उन्ही दिलो के हाथों
आज मैं जलाया जा रहा था....
दाग तेरे दामन के धुले ना धुले !!!!
नेकिया तेरी तराजू में तुले न तुले !!!!!
आज ही गुनाहों से कर ले तोबा !!
ख़ुदा जाने कल तेरी आँख खुले ना खुले
था मैं नींद में और मुझे इतना
सजाया जा रहा था....
.
बड़े प्यार से
मुझे नहलाया जा रहा था....
.
ना जाने
था वो कौन सा अजब खेल
मेरे घर में....
.
बच्चो की तरह मुझे
कंधे पर उठाया जा रहा था....
.
था पास मेरा हर अपना
उस वक़्त....
.
फिर भी मैं हर किसी के
मन से
भुलाया जा रहा था...
.
जो कभी देखते
भी न थे मोहब्बत की
निगाहों से....
.
उनके दिल से भी प्यार मुझ
पर लुटाया जा रहा था...
.
मालूम नही क्यों
हैरान था हर कोई मुझे
सोते हुए देख कर....
.
जोर-जोर से रोकर मुझे
जगाया जा रहा था...
.
काँप उठी
मेरी रूह वो मंज़र
देख कर....
.
जहाँ मुझे हमेशा के
लिए सुलाया जा रहा था....
.
मोहब्बत की
इन्तहा थी जिन दिलो में
मेरे लिए....
.
उन्ही दिलो के हाथों
आज मैं जलाया जा रहा था....
दाग तेरे दामन के धुले ना धुले !!!!
नेकिया तेरी तराजू में तुले न तुले !!!!!
आज ही गुनाहों से कर ले तोबा !!
ख़ुदा जाने कल तेरी आँख खुले ना खुले
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