Tuesday, September 23, 2014

Kisi shayar ne apni maut ko kya khoob pesh kiya hai

था मैं नींद में और मुझे इतना
सजाया जा रहा था....
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बड़े प्यार से
मुझे नहलाया जा रहा था....
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ना जाने
था वो कौन सा अजब खेल
मेरे घर में....
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बच्चो की तरह मुझे
कंधे पर उठाया जा रहा था....
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था पास मेरा हर अपना
उस वक़्त....
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फिर भी मैं हर किसी के
मन से
भुलाया जा रहा था...
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जो कभी देखते
भी न थे मोहब्बत की
निगाहों से....
.
उनके दिल से भी प्यार मुझ
पर लुटाया जा रहा था...
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मालूम नही क्यों
हैरान था हर कोई मुझे
सोते हुए देख कर....
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जोर-जोर से रोकर मुझे
जगाया जा रहा था...
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काँप उठी
मेरी रूह वो मंज़र
देख कर....
.
जहाँ मुझे हमेशा के
लिए सुलाया जा रहा था....
.
मोहब्बत की
इन्तहा थी जिन दिलो में
मेरे लिए....
.
उन्ही दिलो के हाथों
आज मैं जलाया जा रहा था....


 दाग तेरे दामन के धुले ना धुले !!!!

नेकिया तेरी तराजू में तुले न तुले !!!!!

आज ही गुनाहों से कर ले तोबा !!

ख़ुदा जाने कल तेरी आँख खुले ना खुले


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