Tuesday, November 25, 2014

 ''इंसान ने वक़्त से पूछा...
"मै हार क्यूं जाता हूँ ?"
वक़्त ने कहा..
धूप हो या छाँव हो,
काली रात हो या बरसात हो,
चाहे कितने भी बुरे हालात हो, मै हर
वक़्त
चलता रहता हूँ,
इसीलिये मैं जीत जाता हूँ,
तू भी मेरे साथ चल,
कभी नहीं हारेगा......



हमें पता है कि रंगोली दुसरे ही दिन मिटने वाली है फिर भी वो ज्यादा से ज्यादा आकर्षक हो, कलात्मक हो, मनमोहक हो ये कोशिश रहती है हमेशा हमारी।
शायद जीवन भी कुछ रंगोली जैसा ही है दोस्तों, हमें पता है जिंदगी एक दिन ख़त्म हो जाएगी, फिर भी उसे खुबसूरत बनाने की कोशिश करते रहना चाहिए।।
...पल-पल...हर पल

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