किसी कवि ने क्या खूब लिखा है
लोग कहते हैं की तुम्हारी आस्तीन में सांप है।
यारों मै क्या करूँ मेरा वजूद ही चन्दन का है।।
घुटन क्या चीज़ है, ये पूछिये उस बच्चे से, "जो काम करता हैं, इक खिलौने की दुकान पर ।"
मैं बड़ो कि इज़्जत इसलिए करता हूँ
क्यूंकि उनकी अच्छाइयां मुझसे ज़्यादा है
और
छोटो से प्यार इसलिए करता हूँ,
क्यूंकि उनके गुनाह मुझसे कम है!!
वो धागा ही था जिसने छिपकर पूरा जीवन मोतियों को दे दिया...
और ये मोती अपनी तारीफ पर इतराते रहे उम्र भर...
लोग कहते हैं की तुम्हारी आस्तीन में सांप है।
यारों मै क्या करूँ मेरा वजूद ही चन्दन का है।।
घुटन क्या चीज़ है, ये पूछिये उस बच्चे से, "जो काम करता हैं, इक खिलौने की दुकान पर ।"
मैं बड़ो कि इज़्जत इसलिए करता हूँ
क्यूंकि उनकी अच्छाइयां मुझसे ज़्यादा है
और
छोटो से प्यार इसलिए करता हूँ,
क्यूंकि उनके गुनाह मुझसे कम है!!
वो धागा ही था जिसने छिपकर पूरा जीवन मोतियों को दे दिया...
और ये मोती अपनी तारीफ पर इतराते रहे उम्र भर...
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