Wednesday, November 19, 2014

एक व्यक्ति मरकर ऊपर पहुँचा तो स्वर्ग के द्वार पर
उसे स्वयं चित्रगुप्त मिले।चित्रगुप्त बोले, "तुम एक
शर्त परभीतर आ सकते हो।"व्यक्ति: कौन सी शर्त
प्रभु?चित्रगुप्त: तुम्हें एक शब्द
जो कि फिरंगी जुबान का है, की स्पैलिंग ठीक-
ठीक बतानी होगी।व्यक्ति: कौन सा शब्द है
प्रभु?चित्रगुप्त: 'लव'।व्यक्ति: एल-ओ-वी-ई।चित्र
गुप्त: बहुत अच्छा, तुम भीतरआ सकते हो।
वो व्यक्ति भीतर दाखिल
हो रहा था तभी चित्रगुप्त का मोबाइल बज
उठा।चित्रगुप्त: हमें भगवान् बुला रहे है, तुम एक
मिनट द्वार पर निगाह रखना हम अभी लौट के
आते हैं।व्यक्ति: जो आज्ञा प्रभु।चित्रगुप्त:
हमारी अनुपस्थिति में अगर कोई और
प्राणी यहाँ पहुँचजाए तो उसको प्रवेश देने से पहले
उससे भी 'लव' शब्द की स्पैलिंग जरुर पूछना, अगर
वो भी तुम्हारी तरह स्पैलिंग ठीक बताये
तो ही उसेभीतर आने देना। नहीं तो उसे सामनेके
द्वार से नर्क भेज देना।व्यक्ति: ठीक है।इतना कह
कर चित्रगुप्त चले गए और वो व्यक्ति द्वार पर
पहरा देने लगा। तभी एक स्त्री वहाँ पहुँची।
वो व्यक्ति ये देखकर बहुत हैरान हुआ
कि वो उसकी बीवी थी।वो बोला, "अरे, तुम
यहाँ कैसे पहुँच गयी?"बीवी: तुम्हारे अंतिम
संस्कार के बाद जब मैं श्मशान घाट से लौट
रही थी तब बस ने मुझे कुचल दिया, उसके बाद जब
मुझे होश आया तो मैं यहाँ खड़ी थी। अब हटो मुझे
भीतर आने दो।व्यक्ति: ऐसे नहीं, भगवान के
यहाँ के नियम के अनुसार पहले तुम्हें एक शब्द
की स्पैलिंग ठीक-ठीक बतानी होगी, तभी तुम
यहाँ अन्दर आ सकती हो। नहीं तो तुम्हें सामने के
द्वार से नर्क जाना होगा।बीवी: कौन
सा शब्द?........व्यक्ति: 'चेकोस्लोवाकिया'।

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