Friday, November 28, 2014

 कल नवाज़े हैं किसी ने सरे - महफ़िल अशार मेरा
कल फिर तुझे दिल ढूँढता रहा तुझ को महफ़िल में ए"इश्क मेरे"
तुझ को पन्नों पे उतारता रहती हु ....
बस तु और किस्से तेरे लिखते रहती हु
लोग समझ लेते हैं इन्हें अशार मेरे
तु हर ख्याल में जिंदा रहता है लोग तुझ को सुनते हैं बहाने मेरे !!



 शब्द-दर-शब्द किताबोँ मेँ तलाशा उसे । फिर उम्मीदोँ की स्हायी से कागज पे उकेरा उसे । पर बन ना सकी तस्वीर मेरे ख्यालोँ की । एक तेरी हसरत ने इस कदर नवाजा मुझे ।



 Mil gaye mujhe tum to sari khudayi mil gayi . . .

Zindgi bhar ki sari kamayi mila gayi , , ,

usai aur kya chahaiye jahan mai , , ,

Jise teri rahnumayi mil gayi , , ,

No comments:

Post a Comment