राधा नाम की महिमा ।।
🙏एक संत जब किसी नगर में आए तो उनके पास एक व्यक्ति आया और बोला- स्वामी जी ! मेरा बेटा न तो भगवान को मानता है, न ही पूजा-पाठ करता है. आप उसे प्रभु नाम
की महिमा समझाइए.
की महिमा समझाइए.
🙏स्वामी जी ने कहा – ठीक है, मैं तुम्हारे घर आऊँगा.
🙏 एक दिन वे उसके घर गए और उसके बेटे से बोले 🙏-बेटा एक बार कहो- राधा.
🙏 एक दिन वे उसके घर गए और उसके बेटे से बोले 🙏-बेटा एक बार कहो- राधा.
🙏 लड़का आदत के अनुसार बोला- मै क्यों कहूँ.
🙏 स्वामी जी बार-बार कहते रहे आखिर कार एक बार उसने कह दिया कि
मैं ‘राधा’ क्यों कहूँ !
🙏 स्वामी जी बार-बार कहते रहे आखिर कार एक बार उसने कह दिया कि
मैं ‘राधा’ क्यों कहूँ !
🙏स्वामी जी प्रसन्न हो गए. उन्होंने कहा- जब तुम
मरो तो मरने पर यमराज से पूंछना कि एक बार राधा नाम लेने की क्या महिमा है ? इतना कहकर वह चले गए !
मरो तो मरने पर यमराज से पूंछना कि एक बार राधा नाम लेने की क्या महिमा है ? इतना कहकर वह चले गए !
🙏समय आने पर वह लड़का मर कर यमराज के पास पहुंचा और पूछा –मेरे
कर्मो का हिसाब करने से पहले आप मुझे यह बताइए कि एक बार राधा नाम
लेने की क्या महिमा है ?
कर्मो का हिसाब करने से पहले आप मुझे यह बताइए कि एक बार राधा नाम
लेने की क्या महिमा है ?
🙏यमराज ने कहा -मुझे नहीं पता कि क्या महिमा है, शायद इन्द्रदेव को पता होगा, चलो उनसे ही पूछते हैं !
🙏जब उस लड़के ने देखा कि यमराज अपनी अज्ञानता के कारण
कुछ संकोच में पड़े हैं तो वह फैल गया.
कुछ संकोच में पड़े हैं तो वह फैल गया.
🙏उसने कहा- महाराज मै ऐसे नहीं जाऊंगा. मेरे कर्मों का हिसाब जब तक नहीं हुआ है तब तक मैं आपका मेहमान हूं.
🙏सम्मान से पालकी मंगाइए तभी चलूंगा.
🙏सम्मान से पालकी मंगाइए तभी चलूंगा.
🙏पालकी आ गयी, फिर उसने एक कहार से कहा- तुम हटो, यमराज जी लगेंगे क्योंकि इन्होंने आज तक बिना राधा नाम की महिमा जाने सबके कर्मों का हिसाब करने की
भूल की है !
भूल की है !
🙏हार कर यमराज पालकी में लग गए और इंद्र के पास गए.
🙏इंद्र ने पूछा – यमराज जी कोई खास पुण्यात्मा है जो इसको आपने पालकी में उठा रखा है ?
🙏यमराज ने कहा-यह पृथ्वी से आया है और एक बार राधा नाम लेने की क्या महिमा है, यह पूछ रहा है ! मैं हारकर पालकी में लगा हूं, अब आप बताइए तो मुक्त होऊं.
🙏इंद्र ने कहा – महिमा तो बहुत है, पर क्या है यह ठीक- ठीक नहीं पता, यह तो ब्रह्मा जी ही बता सकते है !
🙏वह लड़का बोला – अच्छा तो देवराज को भी नहीं पता. आप भी पालकी में लग जाइए.
🙏अब उसकी पालकी में एक ओर यमराज दूसरी ओर इंद्र लगे और ब्रह्मा जी के पास पहुंचे !
🙏ब्रह्मा जी ने सोचा- यह कोई महान पुण्यात्मा है, जिसे यम और इंद्र ने पालकी में उठा रखा है. ब्रह्मा जी ने पूछा- ये कौन संत है ?
🙏यमराज ने कहा – यह पृथ्वी से आया है और एक बार ‘राधा’ नाम लेने की क्या महिमा है – पूछ रहा है !
🙏हम दोनों नहीं बता पाए तो पालकी में लग गए. आप
तो परमज्ञानी हैं. उत्तर देकर हमें मुक्त कराइए.
तो परमज्ञानी हैं. उत्तर देकर हमें मुक्त कराइए.
🙏ब्रह्मा जी ने कहा –महिमा तो अनंत है, पर ठीक- ठीक तो मुझे भी नहीं पता, महादेव ही बता सकते है !
🙏लड़के ने कहा – परमपिता अब आप भी
तीसरी जगह पालकी में आप लग जाइए. ब्रह्मा जी भी लग गए !
तीसरी जगह पालकी में आप लग जाइए. ब्रह्मा जी भी लग गए !
🙏तीनों पालकी लेकर शंकर जी के पास गए. शंकर जी ने कहा ये कोई खास लगता है, जिसकी पालकी को यमराज, इंद्र, ब्रह्मा जी, लेकर आ रहे हैं.
🙏ब्रह्मा जी ने कहा- ये पृथ्वी से आया है और
एक बार राधा-नाम लेने की महिमा पूछ रहा है. हमें तो पता नहीं, आप को तो जरुर पता होगा, आप तो समाधि में सदा उनका ही ध्यान करते हैं.
एक बार राधा-नाम लेने की महिमा पूछ रहा है. हमें तो पता नहीं, आप को तो जरुर पता होगा, आप तो समाधि में सदा उनका ही ध्यान करते हैं.
🙏शंकर जी ने कहा – हाँ, पर ठीक प्रकार से तो मुझे भी नहीं पता, विष्णु जी ही बता सकते हैं !
🙏व्यक्ति ने कहा – अच्छी बात है. आप भी चौथी जगह लग जाइए, और ले चलिए श्री विष्णु जी के पास. भोले भंडारी भी
पालकी में लग गए.
पालकी में लग गए.
🙏अब चारों विष्णु जी के पास गए और पूछा कि एक बार ‘राधा-नाम’ लेने की क्या महिमा है.
🙏भगवान ने कहा- राधा नाम की यही महिमा है कि
इसकी पालकी, आप जैसे देव उठा रहे हैं और अब यह मेरी गोद में बैठने का अधिकारी हो गए !
इसकी पालकी, आप जैसे देव उठा रहे हैं और अब यह मेरी गोद में बैठने का अधिकारी हो गए !
🙏😄🙏😄🙏😄🙏
इसीलिए कहते हैं,
।। राधे राधे बोलो
चले आएंगे बिहारी ।।
।। राधे राधे बोलो
चले आएंगे बिहारी ।।
।। राधे राधे
श्याम मिला दे ।।
🙏🌹जय जय श्री राधे🌹
श्याम मिला दे ।।
🙏🌹जय जय श्री राधे🌹
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