मोर के पंखों से लाभ
1. घर के दक्षिण-पूर्व कोण में लगाने से बरकत बढ़ती है व अचानक कष्ट नहीं आता है।
2. यदि मोर का एक पंख किसी मंदिर में श्री राधाकृष्ण कि मूर्ति के मुकुट में ४० दिन के लिए स्थापित कर प्रतिदिन मक्खन-मिश्री का भोग सायंकाल को लगाएँ, ४१वें दिन उसी मोर के पंख को मंदिर से दक्षिणा-भोग देकर घर लाकर अपने खजाने या तिजोरी में स्थापित करें तो आप स्वयं ही अनुभव करेंगे कि धन, सुख-शान्ति कि वृद्धि हो रही है। सभी रुके कार्य भी इस प्रयोग के कारण बनते जा रहे हैं।
3. कालसर्प दोष को भी दूर करने की इस मोर के पंख में अद्भुत क्षमता है। कालसर्प दोष वाले व्यक्ति को अपने तकिये के खोल के अंदर 7 मोर के पंख सोमवार रात्रिकाल में डालें तथा प्रतिदिन इसी तकिये का प्रयोग करें और अपने शयनकक्ष की पश्चिम दीवार पर मोर के पंख का पंखा जिसमें कम से कम 11 मोर के पंख तो हों लगा देने से कालसर्प दोष के कारण आयी बाधा दूर होती है।
4. यदि बच्चा ज़िद्दी हो तो इसे छत के पंखे के पंखों पर लगा दें ताकि पंखा चलने पर मोर के पंखों की भी हवा बच्चे को लगे। धीरे-धीरे हठ व जिद्द कम होती जायेगी।
5. जैसे कि पहले वर्णन किया कि मोर व सर्प में शत्रुता है अर्थात सर्प, शनि तथा राहु के संयोग से बनता है। यदि मोर का पंख घर के पूर्वी और उत्तर-पश्चिम दीवार में या अपनी जेब व डायरी में रखा हो तो राहु का दोष कभी भी नहीं परेशान करता है तथा घर में सर्प, मच्छर, बिच्छू आदि विषैले जंतुओं का भय नहीं रहता है।
6. नवजात बालक के सिर की तरफ दिन-रात एक मोर का पंख चाँदी के तावीज़ में डालकर रखने से बालक डरता नहीं है तथा कोई भी नज़रदोष और अला-बला से बचा रहता है।
7. यदि शत्रु अधिक तंग कर रहे हों तो मोर के पंख पर हनुमान जी के मस्तक के सिन्दूर से मंगलवार या शनिवार रात्रि में उसका नाम लिखकर अपने घर के मंदिर में रात भर रखें प्रातःकाल उठकर बिना नहाये-धोए चलते पानी में बहा देने से शत्रु, शत्रुता छोड़कर मित्रता का व्यवहार करने लगता है।
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