कुछ रिश्ते अंजाने में ही हो जाते है,
पहले दिल फिर जिन्दगी से जुड़ जाते है,
कहते है उस दौर को प्यार...
जिसमें लोग जिन्दगी से भी प्यारे हो जाते है..
प्यार करने वालों की किस्मत बुरी होती है,
मुलाक़ात जुदाई से जुडी होती है,
वक़्त मिले तो प्यार की किताब पढ़ लेना,
हर प्यार करने वाले की कहानी अधूरी होती है |
दिल किसी से तब ही लगाना;
जब दिलों को पढ़ना सीख लो;
वरना हर एक चेहरे की फितरत में;
ईमानदारी नहीं होती।
टूटे हुए दिल ने भी उसके लिए दुआ मांगी,
मेरी साँसों ने हर पर उसकी ख़ुशी मांगी..
न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से,
के मैंने आखिरी ख्वाहिश में
भी उसकी वफ़ा मांगी..
क्या मिलना ऐसे लोगो से जिनकी फितरत छुपी रहे,
नकली चेहरा सामने आये और असली सूरत छुपी रहे..
कोई कबतक महज़ सोचे कोई कबतक महज गाए
ㅤㅤㅤㅤㅤㅤㅤㅤㅤㅤइलाही क्या मुमकिन है कि कुछ वैसा भी हो जाये
ㅤㅤㅤㅤमेरा महताब उसकी रात के आगोश में पिघले
ㅤㅤㅤㅤㅤㅤㅤㅤㅤㅤㅤㅤमैं उसकी नींद में जांगू वो मुझमे खुल के सो जाये !!
मैने कभी किसीको अपने दिल से दूर नही किया,बस जिनका दिल भर गया वो मुझसे दूर हो गया !!!..
यूँ तो बेवजह तारीफ़ मैं करता नही,,,पर आज ये शायर दिल मजबूर है...
आज तक नही किया नशा जिसने,,,आज तेरे हुस्न के नशे में चूर है..!
कैसे बयान करे आलम दिल की बेबसी का,
वो क्या समझे दर्द आंखों की नमी का..
ऊनके चाहने वाले ईतने हो गये की…..
उन्हे एहसास नहीं हमारी कमी का…
पहले दिल फिर जिन्दगी से जुड़ जाते है,
कहते है उस दौर को प्यार...
जिसमें लोग जिन्दगी से भी प्यारे हो जाते है..
प्यार करने वालों की किस्मत बुरी होती है,
मुलाक़ात जुदाई से जुडी होती है,
वक़्त मिले तो प्यार की किताब पढ़ लेना,
हर प्यार करने वाले की कहानी अधूरी होती है |
दिल किसी से तब ही लगाना;
जब दिलों को पढ़ना सीख लो;
वरना हर एक चेहरे की फितरत में;
ईमानदारी नहीं होती।
टूटे हुए दिल ने भी उसके लिए दुआ मांगी,
मेरी साँसों ने हर पर उसकी ख़ुशी मांगी..
न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से,
के मैंने आखिरी ख्वाहिश में
भी उसकी वफ़ा मांगी..
क्या मिलना ऐसे लोगो से जिनकी फितरत छुपी रहे,
नकली चेहरा सामने आये और असली सूरत छुपी रहे..
कोई कबतक महज़ सोचे कोई कबतक महज गाए
ㅤㅤㅤㅤㅤㅤㅤㅤㅤㅤइलाही क्या मुमकिन है कि कुछ वैसा भी हो जाये
ㅤㅤㅤㅤमेरा महताब उसकी रात के आगोश में पिघले
ㅤㅤㅤㅤㅤㅤㅤㅤㅤㅤㅤㅤमैं उसकी नींद में जांगू वो मुझमे खुल के सो जाये !!
मैने कभी किसीको अपने दिल से दूर नही किया,बस जिनका दिल भर गया वो मुझसे दूर हो गया !!!..
यूँ तो बेवजह तारीफ़ मैं करता नही,,,पर आज ये शायर दिल मजबूर है...
आज तक नही किया नशा जिसने,,,आज तेरे हुस्न के नशे में चूर है..!
कैसे बयान करे आलम दिल की बेबसी का,
वो क्या समझे दर्द आंखों की नमी का..
ऊनके चाहने वाले ईतने हो गये की…..
उन्हे एहसास नहीं हमारी कमी का…
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