कोई हालात नहीं समझता ,
कोई जज़्बात नहीं समझता ,
ये तो बस अपनी अपनी समझ है ,
कोई कोरा कागज़ भी पढ़ लेता है
तो कोई पूरी किताब नहीं समझता!!
: दोस्ती से कीमती कोई जागीर नही होती;
दोस्ती से खूबसूर्त कोई तस्वीर नही होती;
दोस्ती यूँ तो कचा धागा है मगर;
इस धागे से मजबूत कोई ज़ंजीर नही होती!
: मैं पीकर नहीं बहकता;
बहकता हूँ तो उसे देखकर।
अब बताओ ज़रा कि शराब हराम है या वो
.
इतने में मम्मी के कमरे से आवाज़ आई, "शराब हराम है और वो हरामजादी है"।
दिल में छिपी यादों से मैं सवारूँ तुझे,
तू दिखे तो अपनी आँखों मै उतारू तुझे !
तेरे नाम को अपने लबों पर ऐसे सजाऊ,
गर सो भी जाऊ तो ख्वाबो में पुकारू तुझे !
: शायरी इक शरारत भरी शाम है,हर सुख़न इक छलकता हुआ जाम है, जब ये प्याले ग़ज़ल के पिए तो लगा मयक़दा तो बिना बात बदनाम है.
कोई जज़्बात नहीं समझता ,
ये तो बस अपनी अपनी समझ है ,
कोई कोरा कागज़ भी पढ़ लेता है
तो कोई पूरी किताब नहीं समझता!!
: दोस्ती से कीमती कोई जागीर नही होती;
दोस्ती से खूबसूर्त कोई तस्वीर नही होती;
दोस्ती यूँ तो कचा धागा है मगर;
इस धागे से मजबूत कोई ज़ंजीर नही होती!
: मैं पीकर नहीं बहकता;
बहकता हूँ तो उसे देखकर।
अब बताओ ज़रा कि शराब हराम है या वो
.
इतने में मम्मी के कमरे से आवाज़ आई, "शराब हराम है और वो हरामजादी है"।
दिल में छिपी यादों से मैं सवारूँ तुझे,
तू दिखे तो अपनी आँखों मै उतारू तुझे !
तेरे नाम को अपने लबों पर ऐसे सजाऊ,
गर सो भी जाऊ तो ख्वाबो में पुकारू तुझे !
: शायरी इक शरारत भरी शाम है,हर सुख़न इक छलकता हुआ जाम है, जब ये प्याले ग़ज़ल के पिए तो लगा मयक़दा तो बिना बात बदनाम है.
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