Saturday, November 1, 2014

मोबाइल हे हमारा हमारे पतिदेव से भी प्यारा
 उठते ही मोबाइल के दर्शन में पाऊ, पति परमेशवर को में भूल ही जाऊ 
 मददी आंच  चाय में चड़ाऊ, wattsapp को पड़ती जाऊ
चाय उबल उबल कर हो गई काडा, चिल्ला रहे हे हमारे लाडा
🙉 कानो में हे ईरफ़ोन लगाया, अब मेने फेसबुक हे चलाया
🍪 रोटी बनाने की बारी हे आई, दाल गैस पर मेने चढाई
 इतने में मीत सखी का फ़ोन हे आया, पार्टी का संदेशा सुनाया
📞 करने लगी बाते में प्यारी, इतने में भिन्डी हो गई करारी
 सासू जी से चभ ना पाई, मन ही मन वो बड बड़ाई
ससुर जी बैठे हे बाथरूम के अन्दर, खत्म हो गया पानी टंकी के अन्दर
कैंडी कृश में उलझ गई में, मोटर चालु करना भूल गई में 🔌
 ग्रुप एडमिन बन कर नाम हे कमाया, सबके घर की बहुओ को अपने साथ उलझाया
बच्चो की मार्कशीट के नंबर हे आये , जो पति देव के दिल  को न भाये
उसे देख पतिदेव ने सिंघम  रूप हे बनाया, आता माझी सटकली हमको हे सुनाया 
 घर की बज रही हे 12 ⏰ ऐसा हे मोबाइल  हमारा
 

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