Wednesday, November 5, 2014

: True Lines On Zindagi

Rishte or Raste
zindagi ke do pahlu hai
kabhi rishte nibhate-2 raste kho jate hain

Toh
Kabhi raston par chalte chalte rishte ban jate Hain
Kuch ko rishte raas aa jate hain or kisi ko raste..!



Fark bas itna hai..
Rastoo ke dukh bardast ho jate hain
Aur rishto ke dukh sahan nai hote



: कभी कभी यूं भी हमने अपने जी को बहलाया है
जिन बातों को ख़ुद नहीं समझे औरों को समझाया है
हम से पूछो इज़्ज़त वालों की इज़्ज़त का हाल कभी
हमने भी इस शहर में रह कर थोड़ा नाम कमाया है



में खफा नहीं हूँ जरा उसे बता देना
आता जाता रहे यहाँ इतना समझा देना !
में उसके गम में शरीक हूँ
पर मेरा गम न उसे बता देना,
जिन्दगी कागज की किश्ती सही,
शक में न बहा देना !


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