Friday, January 30, 2015

 "कौन कहता है मुझे ठेस का एहसास नहीं,
जिंदगी एक उदासी है जो तुम पास नहीं,
मांग कर मैं न पियूं तो यह मेरी खुद्दारी है,
इसका मतलब यह तो नहीं है कि मुझे प्यास नहीं."




"उसके इंतजार के मारे है हम..
बस उसकी यादों के सहारे है हम...
दुनियाँ जीत के कहना क्या है अब?
जिसे दुनियाँ से जीतना था आज उसी से हारे है हम."



 "वो सूरज की तरह आग उगलते रहे,
हम मुसाफिर सफ़र पर ही चलते रहे,
वो बीते वक़्त थे, उन्हें आना न था,
हम सारी रात करवट बदलते रहे."




‬: "मुद्तों के बाद उसको किसी के साथ खुश देखा तो एहसास हुआ ...
काश की उसको बहुत पहले हे छोड़ दिया होता ...."




 "नदी जब किनारा छोर देती हैं,
राह की चट्टान तक तोर देती हैं,
बात छोटी सी अगर चुभ जाए दिल में तो,
जिंदगी के रास्तों को भी मोर देती हैं."


No comments:

Post a Comment