Thursday, April 2, 2015

बीवी चालीसा    

बीवी सेवा सच्ची सेवा !
जो करे वो खाये मेवा !!

जो बीवी के पाँव दबावै !
बस वैकुंठ परम पद पावै !!

जो बीवी की करे गुलामी !
ना आये कोई परेशानी !!

जो बीवी की धोवे साड़ी !
उसकी किस्मत जग से न्यारी !!

भूत पिशाच निकट नहिं आवै !
जो बीवी के कीर्तन गावै !!

हाथ जोड़ कर कीजिये
पत्नी जी का ध्यान

घर में खुशहाली रहे
हो जाये कल्यान

घरवाली को नमन कर
माला लेकर हाथ 

मुख से पत्नी-वन्दना
बोलो मेरे साथ

जय पत्नी देवी कल्यानी !
माया तेरी ना पहचानी !!

तुमसे सारे देवता हारे !
डर से थर-थर कांपें सारे !!

नहिं चरित्र तुम्हरा कोई जाना !
नर क्या ईश्वर ना पहचाना !!

अपरम्पार तुम्हारी माया !
कोई इसका पार न पाया !!

लगो देखने में तुम गुड़िया !
हो लेकिन आफत की पुड़िया !!

हे मेरे बच्चों की माता !
तुम हो मेरी भाग्यविधाता !!

है बेलन हथियार तुम्हारा !
जब चाहा सिर पर दे मारा !!

ऐसी तेरी निकले बोली !
जैसे हो बंदूक की गोली !!

हम तुमसे डरते हैं ऐसे !
चोर पुलिस से डरता जैसे !!

ऐसा है आतंक तुम्हारा !
बिच्छू जैसा डंक तुम्हारा !!

करे पति जो पत्नी-सेवा !
मिलती उसको सच्ची मेवा !!

पत्नी-वन्दना जो कोई गावे !
जीवन में कोई कष्ट न पावे !!

प्रभु दीक्षित कर पत्नी-वन्दन
पत्नी का कर लो अभिनन्दन !!

वन्दहु पत्नी मुख-कमल
गुण-अवगुण की खान !

मिले नहीं बिन आपके,
पतियों को सम्मान !!

!बोलो पत्नी रानी की जय!


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