एक पेङ पर एक भंवरा और एक तितली बैठतेथे।
धीरे धीरे उनकी दोस्ती हो गई।
और फिर दोस्ती प्यार मे बदल गई!
•••
दोनो एक दुसरे को इतना चाहने लगे की कभी एक
दुसरे को ना देखे तो बैचेन हो जाते थे!
•••
एक दिन तितली ने कहा की हम दोनो मे से
ज्यादा प्यार कौन करता है?
इसलिए उसने शर्त रखी की कल जो भी इस फुल पर
आके पहले बेठेगा वो ज्यादा प्यार करता है।
•••
शाम को दोनो घर जाने लगे!
सुबह सर्दी ज्यादा होने के बावजुद
तितली सुरज निकलने से पहले फुल पर आकर बैठ
गई पर भंवरा नहीँ आया।
•••
इसलिए वो खुश थी की वो शर्त जीत गई।
धीरे धीरे दिन चढा तो वो फुल खिलने लगा..
तितली ने देखा की उस फुल मे
भंवरा मरा पङा है!
•••
क्योकि रात को वो घर गया ही नही था।
ओर सर्दी की वजह से उसकी मौत हो गयी थी!
इसलिए कहते है दोस्तो प्यार
को कभी आजमाना मत।
प्यार का इम्तीहान मत लो
उस पर भरोसा करो!!
धीरे धीरे उनकी दोस्ती हो गई।
और फिर दोस्ती प्यार मे बदल गई!
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दोनो एक दुसरे को इतना चाहने लगे की कभी एक
दुसरे को ना देखे तो बैचेन हो जाते थे!
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एक दिन तितली ने कहा की हम दोनो मे से
ज्यादा प्यार कौन करता है?
इसलिए उसने शर्त रखी की कल जो भी इस फुल पर
आके पहले बेठेगा वो ज्यादा प्यार करता है।
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शाम को दोनो घर जाने लगे!
सुबह सर्दी ज्यादा होने के बावजुद
तितली सुरज निकलने से पहले फुल पर आकर बैठ
गई पर भंवरा नहीँ आया।
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इसलिए वो खुश थी की वो शर्त जीत गई।
धीरे धीरे दिन चढा तो वो फुल खिलने लगा..
तितली ने देखा की उस फुल मे
भंवरा मरा पङा है!
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क्योकि रात को वो घर गया ही नही था।
ओर सर्दी की वजह से उसकी मौत हो गयी थी!
इसलिए कहते है दोस्तो प्यार
को कभी आजमाना मत।
प्यार का इम्तीहान मत लो
उस पर भरोसा करो!!
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