Wednesday, March 9, 2016

बहुत ही सुन्दर वर्णन है 👏👏👏

मस्तक को थोड़ा झुकाकर देखिए....अभिमान मर जाएगा

आँखें को थोड़ा भिगा कर देखिए.....पत्थर दिल पिघल जाएगा

दांतों को आराम देकर देखिए.........स्वास्थ्य सुधर जाएगा

हाथों को कुछ काम देकर देखिए......चहुं ओर उजियारा पसर जाएगा

जिव्हा पर विराम लगा कर देखिए.....क्लेश का कारवाँ गुज़र जाएगा

इच्छाओं को थोड़ा घटाकर देखिए......खुशियों का संसार नज़र आएगा    
                                          छोटा सा जीवन है,
लगभग 80 वर्ष।
उसमें से आधा =40 वर्ष तो रात को
बीत जाता है।
उसका आधा=20 वर्ष
बचपन और बुढ़ापे मे बीत जाता है।

बचा 20 वर्ष।
उसमें भी कभी योग,

कभी वियोग,
कभी पढ़ाई,
कभी परीक्षा,
नौकरी,
व्यापार और अनेक चिन्ताएँ
व्यक्ति को घेरे रखती हैँ।
अब बचा ही
कितना ?
8/10 वर्ष।
उसमें भी हम
शान्ति से नहीं जी सकते ?
यदि हम
थोड़ी सी सम्पत्ति के लिए झगड़ा करें,

और फिर भी सारी सम्पत्ति यहीं छोड़
जाएँ,
तो इतना मूल्यवान मनुष्य जीवन
प्राप्त करने का क्या लाभ हुआ?

स्वयं विचार कीजिये :- इतना कुछ होते हुए भी,

1- शब्दकोश में असंख्य शब्द होते हुए भी...
👍मौन होना सब से बेहतर है।

2- दुनिया में हजारों रंग होते हुए भी...
👍सफेद रंग सब से बेहतर है।

3- खाने के लिए दुनिया भर की चीजें होते हुए भी...
👍उपवास शरीर के लिए सबसे बेहतर है।

4-पर्यटन के लिए रमणीक स्थल होते हुए भी..
👍पेड़ के नीचे ध्यान लगाना सबसे बेहतर है।

5- देखने के लिए इतना कुछ होते हुए भी...
👍बंद आँखों से भीतर देखना सबसे बेहतर है।

6- सलाह देने वाले लोगों के होते हुए भी...
👍अपनी आत्मा की आवाज सुनना सबसे बेहतर है।

7- जीवन में हजारों प्रलोभन होते हुए भी...
👍सिद्धांतों पर जीना सबसे बेहतर है।

इंसान के अंदर जो समा जायें वो
             " स्वाभिमान "
                    और
जो इंसान के बाहर छलक जायें वो
             " अभिमान "
ये मैसेज पूरा पढ़े, और
   अच्छा लगे तो सबको भेजें 🙏

✔जब भी बड़ो के साथ बैठो तो  
      परमात्मा का धन्यवाद ,
     क्योंकि कुछ लोग
      इन लम्हों को तरसते हैं ।

✔जब भी अपने काम पर जाओ
      तो परमात्मा का धन्यवाद करो
     क्योंकि
     बहुत से लोग बेरोजगार हैं ।

✔परमात्मा का धन्यवाद कहो
     जब तुम तन्दुरुस्त हो ,
     क्योंकि बीमार किसी भी कीमत
     पर सेहत खरीदने की ख्वाहिश
      रखते हैं ।

✔ परमात्मा का धन्यवाद कहो
      की तुम जिन्दा हो ,
      क्योंकि मरते हुए लोगों से पूछो
      जिंदगी कीमत । मूर्ति बेचने वाले गरीब कलाकार के लिए,
किसी ने क्या खूब लिखा है....

गरीबो के बच्चे भी खाना खा सके त्योहारों में,
इसिलिये भगवान खुद बिक जाते है बाजारों में.....

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