Thursday, June 16, 2016

☝मजेदार मस्ती भरे दोहे🌞

बुरे समय को देखकर, गंजे तू क्यों रोए , is
किसी भी हालत में तेरा बाल न बांका होय…
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कर्ज़ा देता मित्र को, वह मूर्ख कहलाए,
महामूर्ख वह यार है, जो पैसे लौटाए…
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दोस्तो खैनी खाइए, इससे खांसी होय,
फिर उस घर में रात को, चोर घुसे न कोय I
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 दोस्त काले रंग पर, रंग चढ़े न कोय,
 लक्स लगाकर कांबली, तेंदुलकर कबहु न होय..
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बूढ़ा बोला, वीर रस मुझसे पढ़ा न जाए,
कहीं दांत का सैट ही, नीचे न गिर जाए I
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बिना जुर्म के पिटेगा, समझाया था तोय,
पंगा लेकर पुलिस से, साबुत बचा न कोय…
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 गुरु पुलिस दोऊ खड़े, काके लागूं पांय,
तभी पुलिस ने गुरु के, पांव दिए तुड़वाय…
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 दोहों को स्वीकारिये, या दीजे ठुकराय,
जैसे मुझसे बन पड़ा, मैंने आगे दिए सरकाय I 😝😆😄


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