Tuesday, September 16, 2014

किस हद तक जाना है ये कौन जानता है,
किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है,
दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो,
किस रोज़ बिछड जाना है ये कौन जानता है"



 "दोस्ती ज़िन्दगी में रौशनी कर देती हैं,
हर ख़ुशी को दोगुनी कर देती हैं.....,
कभी झूम के बरसती हैं बंज़र दिल पे,
कभी अमावस को चांदनी कर देती हैं."



‬: "रौशनी के लिए दिया जलता हैं
,शमा के लिए परवाना जलता हैं,
कोई दोस्त न हो तो दिल जलता हैं,
और दोस्त आप जैसा हो जो ज़माना जलता हैं."


"हर मुलाकात पर वक्त का तकाज़ा हुआ..
हर याद पे दिल का दर्द ताजा हुआ..
सुनी थी सिर्फ हमने गज़लों मे जुदाई की बातें..
अब खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ."



"कभी रो के मुस्कुराए, कभी मुस्कुरा के रोए, जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए,
एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा,जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा के रोए."



"मत रख हमसे वफा की उम्मीद,
हमने हर दम बेवफाई पायी है,
मत ढूंढ हमारे जिस्म पे जख्म के निशान,
हमने हर चोट दिल पे खायी है।"



"कब्र के सन्नाटे में से एक आवाज़ आयी,
किसी ने फूल रखके आंसूं की दो बूंद बहायी,
जब तक था जिंदा तब तक ठोकर खायी,
अब सो रहा हूं तो उसको मेरी याद आयी।"


"कल उसकी याद पूरी रात आती रही,
हम जागे पूरी दुनिया सोती रही,
आसमान में बिजली पूरी रात होती रही,
बस एक बारिश थी जो मेरे साथ रोतीरही."


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