प्यार वो हैं...
जब माँ रात को आती है और कहती हैं~>
"सोजा बाकी सुबह उठ कर पढ़ लेना"
प्यार वो हैं ...
जब हम tution से वापस आये और पापा कहे->
"बेटा लेट होने वाले थे तो कॉल कर देते"
प्यार वो है....
जब भाभी कहेती हैं ->>
"ओये हीरो;
लड़की पटी की नही"
प्यार वो हैं....
जब बहन कहती हैं->>
"देखूंगी मेरी शादी के बाद तेरा काम कौन करेगा"
प्यार वो हैं....
जब हम निराश हो और भाई आकर कहे-->>>
"चल नौटंकी कही घुमने चलते हैं"
प्यार वो है...
जब दोस्त कॉल करके कहे--->>
"ओये कमीने जिन्दा हैं या मर गया"
यह है सच्चा प्यार।
इसे अपने जीवन मैं बिलकुल भी ना गवाएं;प्यार केवल
गर्ल फ्रेंड
या बॉय फ्रेंड होना ही नही हैं।
यह प्यार उससे भी ऊपर हैं।
जब माँ रात को आती है और कहती हैं~>
"सोजा बाकी सुबह उठ कर पढ़ लेना"
प्यार वो हैं ...
जब हम tution से वापस आये और पापा कहे->
"बेटा लेट होने वाले थे तो कॉल कर देते"
प्यार वो है....
जब भाभी कहेती हैं ->>
"ओये हीरो;
लड़की पटी की नही"
प्यार वो हैं....
जब बहन कहती हैं->>
"देखूंगी मेरी शादी के बाद तेरा काम कौन करेगा"
प्यार वो हैं....
जब हम निराश हो और भाई आकर कहे-->>>
"चल नौटंकी कही घुमने चलते हैं"
प्यार वो है...
जब दोस्त कॉल करके कहे--->>
"ओये कमीने जिन्दा हैं या मर गया"
यह है सच्चा प्यार।
इसे अपने जीवन मैं बिलकुल भी ना गवाएं;प्यार केवल
गर्ल फ्रेंड
या बॉय फ्रेंड होना ही नही हैं।
यह प्यार उससे भी ऊपर हैं।
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