Wednesday, November 12, 2014

प्यार कुछ खोने लगा है
एहसास कुछ सोने लगा है
तेरा ज़िन्दगी से यूँ चले जाना
कबूल सा होने लगा है



‬: तुम करोगे याद एक दिन इस प्यार के ज़माने को,चले जाएँगे जब हम कभी ना वापस आने को.करेगा महफ़िल मे जब ज़िक्र हमारा कोई,,,,तो तुम भी तन्हाई ढूंढोगे आँसू बहाने को…




बनाने वाले ने दिल काँच का बनाया होता.तोड़ने वाले के हाथ मे जखम तो आया होता.जब बी देखता वो अपने हाथों को,उसे हमारा ख़याल तो आया होता



 बेवफा बनकर कैसे जी लेते हैं लोग हंसकरइस राज को जानने में ही हस्ती फन्ना हो गया मैं कब तक भरम में रखूं खुद को दुनिया कहने लगी की तू तो बेवफा हो गया



‬: दिन घुटे घुटे , शामें धुंआ धुंआ हो गया और रातें , इंतज़ार की तेरे दास्ताँ हो गया कहाँ से ढूंढ़कर लाउ सकुन दिल का अपने ज़िन्दगी जब दर्द की एक दास्ताँ हो गया



बड़ी आसानी से दिल लगाये जाते हैं,पर बड़ी मुश्किल से वादे निभाए जाते हैं,ले जाती है मोहब्बत उन राहो पर,जहा दिए नही दिल जलाए जाते हैं.




: मेरी मोहब्बत मेरे दिल की गफलत थी, मैं बेसबब ही उम्र भर तुझे कोसता रहा, आखिर ये बेवफाई और वफ़ा क्या है, तेरे जाने के बाद देर तक सोचता रहा.


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