Wednesday, November 12, 2014

: Wo diya kaya jane tufan kaya hota h jisane kabhi hawa ko hi na dekha ho or wo sayar ko kaya pahachane jisane jisane tute dil ko na dekha ho



 गुलसन है अगर सफ़र जिंदगी का तो इसकी मंजिल समशान क्यों है?जब जुदाई है प्यार का मतलब तो फिर प्यार वाला हैरान क्यों है?अगर जीना ही है मरने के लिए तो जिंदगी ये वरदान क्यों है?जो कभी न मिले उससे ही लग जाता है दिल,आखिर ये दिल इतना नादान क्यों है?



जिनकी आंखें आंसू से नम नहीं, क्या समझते हो उसे कोई गम नहीं, तुम तड़प कर रो दिये तो क्या हुआ, गम छुपा के हंसने वाले भी कम नहीं.



 डर मुझे भी लगा फासला देखकर,
पर मैं बढता गया रास्ता देखकर,
खुद बा खुद मेरे नजदीक आती गयी ,
मेरी मंजिल मेरा होसला देखकर।।



ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक हैं, तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक हैं, वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी,हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक हैं.


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