Saturday, November 1, 2014

कोई आँसू बहाता है, कोई खुशियाँ मनाता हैये सारा खेल उसका है, वही सब को नचाता है।


आँखों से दूर दिल के करीब था में उस का वो मेरा नसीब था. न कभी मिला न जुदा हुआरिश्ता हम दोनों का कितना अजीब था.



‬: ज़िंदगी से यू चले है इल्ज़ाम लेकर, बहुत जी चुके उसका नाम लेकर, अकेले बाते करेंगे वो इन सितारो से, जब हम चले जाएँगे उन्हे सारा आसमान देकर.



: ज़िंदगी तेरे ख्वाब भी कमाल के है,
तू गरीबों को उन महलों के सपने दिखाती है
जिनमे अमीरों को नींद नहीं आती है.........

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