तेरी दोस्ती ने बहुत कुछ सिख्लादिया,
मेरी खामोश दुनिया को जैसे हँसा दिया,
कर्ज़दार हूँ मैं खुदा का,
जिसने मुझे आप जैसे दोस्त से मिला दिया |
अपनी कमजोरिया उन्ही लोगों को बताइये जो हर हाल में आपके साथ मजबूती से खड़े होना जानते हैं.
आ गया है फर्क तुम्हारी नजरों में यकीनन...
अब एक खास अंदाज़ से नजर अंदाज़ करते हो हमे...
आँखों में देख के वो दिल की हकीकत जानने लगे
उनसे कोई रिश्ता भी नहीं फिरभी अपना मानने लगे
वो बन के हमदर्द कुछ एसे हाथ थामे मेरा
के हम खुदा से दर्द की दुआ मांगने लगे
Chand sa tera masoom chehra
Tu haya ki ek murat hai
Tujhe dekh ke kaliyan bhi sharmaye
Tu itni khoobsurat hai
Jajbaton ka Hisaab Rakhte Hai,
Hum khamoshi me bhi zawab Rakhte hai,
Baten Humari kabhi Samajh kar dekhiye janaab,
hum shayar hai., lafzo me aag Rakhte hai.
मौत माँगते है तो जिन्दगी खफा हो जाती है,
जहर लेते है तो वो भी दवा हो जाती है,
तू ही बता ऐ दोस्त क्या करूँ,
जिसको भी चाहा वो बेवफा हो जाती है..
यार कोइ मुकदमा ही कर दो हमारे बेवफा सनम पर . . .
कम से कम हर पेशी पर यार ए हुस्न का दिदार
तो हो जायेगा . . . . .
"दारू ही हमारा शोक है
मैरे दोसतो वरना
लडकीयो की इतनी
ओकात कहा की
हमारी आदत बनजाय"
कभी मिल सको तो इन पंछियो की तरह
बेवजह मिलना ए दोस्त वजह से मिलने वाले
तो न जाने हर रोज़ कितने मिलते है …..!!
Mana ke ham izhaar nahi karte,
matlab ye nahi ki aapka khayal nahi karte,
mayoosi mai beet jate hai vo din,
jis din aap hamse baat nahi karte…
वजह पूछने का
मौका ही कहाँ मिला...
वो लहजे बदलते रहे,
हम अजनबी होते गए...!!!
मौका सभी को मिलता हे.
अब मेरी बारी..
क्योकि आज तक जो किया उसका गम नहीं।
और अब जो करने वाला हु..
वो ' सुलतान मिर्जा ' से कम नहीं।
हुस्न अगर बेवफा ना होता
तो दुनिया में आशिकों का नाम नहीं होता
कट गये हाथ उन मजदूरों के
वरना आज हर गली में एक ताजमहल होता
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है ॥
दिल ना चाह कर भी, खामोश रह जाता है ॥
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है॥
कोई कुछ ना कहकर भी, सब बोल जाता है ॥
दिल ही दिल में कुछ छुपाती है वो,
यादों में आ कर चैन चुराती है वो,
ख्वाबों में एक ऐहसास जगा रखा है,
बन्द आँखों में अश्क बन के तडपाती है वो..
मेरी खामोश दुनिया को जैसे हँसा दिया,
कर्ज़दार हूँ मैं खुदा का,
जिसने मुझे आप जैसे दोस्त से मिला दिया |
अपनी कमजोरिया उन्ही लोगों को बताइये जो हर हाल में आपके साथ मजबूती से खड़े होना जानते हैं.
आ गया है फर्क तुम्हारी नजरों में यकीनन...
अब एक खास अंदाज़ से नजर अंदाज़ करते हो हमे...
आँखों में देख के वो दिल की हकीकत जानने लगे
उनसे कोई रिश्ता भी नहीं फिरभी अपना मानने लगे
वो बन के हमदर्द कुछ एसे हाथ थामे मेरा
के हम खुदा से दर्द की दुआ मांगने लगे
Chand sa tera masoom chehra
Tu haya ki ek murat hai
Tujhe dekh ke kaliyan bhi sharmaye
Tu itni khoobsurat hai
Jajbaton ka Hisaab Rakhte Hai,
Hum khamoshi me bhi zawab Rakhte hai,
Baten Humari kabhi Samajh kar dekhiye janaab,
hum shayar hai., lafzo me aag Rakhte hai.
मौत माँगते है तो जिन्दगी खफा हो जाती है,
जहर लेते है तो वो भी दवा हो जाती है,
तू ही बता ऐ दोस्त क्या करूँ,
जिसको भी चाहा वो बेवफा हो जाती है..
यार कोइ मुकदमा ही कर दो हमारे बेवफा सनम पर . . .
कम से कम हर पेशी पर यार ए हुस्न का दिदार
तो हो जायेगा . . . . .
"दारू ही हमारा शोक है
मैरे दोसतो वरना
लडकीयो की इतनी
ओकात कहा की
हमारी आदत बनजाय"
कभी मिल सको तो इन पंछियो की तरह
बेवजह मिलना ए दोस्त वजह से मिलने वाले
तो न जाने हर रोज़ कितने मिलते है …..!!
Mana ke ham izhaar nahi karte,
matlab ye nahi ki aapka khayal nahi karte,
mayoosi mai beet jate hai vo din,
jis din aap hamse baat nahi karte…
वजह पूछने का
मौका ही कहाँ मिला...
वो लहजे बदलते रहे,
हम अजनबी होते गए...!!!
मौका सभी को मिलता हे.
अब मेरी बारी..
क्योकि आज तक जो किया उसका गम नहीं।
और अब जो करने वाला हु..
वो ' सुलतान मिर्जा ' से कम नहीं।
हुस्न अगर बेवफा ना होता
तो दुनिया में आशिकों का नाम नहीं होता
कट गये हाथ उन मजदूरों के
वरना आज हर गली में एक ताजमहल होता
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है ॥
दिल ना चाह कर भी, खामोश रह जाता है ॥
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है॥
कोई कुछ ना कहकर भी, सब बोल जाता है ॥
दिल ही दिल में कुछ छुपाती है वो,
यादों में आ कर चैन चुराती है वो,
ख्वाबों में एक ऐहसास जगा रखा है,
बन्द आँखों में अश्क बन के तडपाती है वो..
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