Thursday, January 8, 2015

"चंद फासला जरूर रखि‍ए हर रि‍श्‍ते के दरमियान !

     क्योंकि"नहीं भूलती दो चीज़ें चाहे
जितना भुलाओ....!

 ....एक "घाव"और दूसरा "लगाव"...




: तू बेशक अपनी महफ़िल में मुझे बदनाम करती हैंलेकिन तुझे
अंदाज़ा भी नहीं कि वो लोग भी मेरे पैर छुते है जिन्हें तू
भरी महफ़िल में सलाम करती हैं...





 Na Aasman Fata, Na Dharti Hili
Fir Apne Kaise Socha Humare Msg Se Mukti Mili
Are Hum Zara Se Busy Kya Huye Ki
Apne Maan Liya K Ye Musibat To Tali....

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