Sunday, March 15, 2015

 बहुत खुबसूरत है आँखें तुम्हारी
इन्हें बना दो किस्मत हमारी
हमें नहीं चहिये ज़माने की खुशियाँ
अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी.




दोस्ती उन से करो जो निभाना जानते हो,नफ़रत उन से करो जो भूलना जानते हो,ग़ुस्सा उन से करो जो मानना जानता हो,प्यार उनसे करो जो दिल लुटाना जानता हो.




तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करूँ तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करूँ कुछ कहते हुए भी डरता हूँ कहीं भूल से तू ना समझ बैठे की मैं तुझसे मोहब्बत करता हूँ.




 धोखा दिया था जब तूने मुझे,
जिंदगी से मैं नाराज था,
सोचा कि दिल से तुझे निकाल दूं,
मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था.




नज़र मुझसे मिलाती हो तो तुम शरमा-सी जाती हो,इसी को प्यार कहते हैं, इसी को प्यार कहते हैं,जबाँ ख़ामोश है लेकिन निग़ाहें बात करती हैं,अदाएँ लाख भी रोको अदाएँ बात करती हैं,नज़र नीची किए दाँतों में दुपट्टे को दबाती हो,इसी को प्यार कहते हैं, इसी को प्यार कहते हैं.

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