सभी को मिल नहीं सकती इनायत जिसको कहते हैं
झुका देती है वो सिर को इबादत जिसको कहते हैं
मेरी धड़कन ये कहती है मेरे लब पर दुआ यह है
कहीं मिल जाए वो मुझको मोहबत जिसको कहते हैं
तुम्हारी चाहतों के कुछ कमल इस दिल में खिलने दो
हमारी रूह को पल भर सही चुपके से मिलने दो
डूबो दें प्यार के दरिया में खुद को भी भूला दे अब
मुहब्बत में लगे हर जख्म को अधरों से सिलने दो
झुका देती है वो सिर को इबादत जिसको कहते हैं
मेरी धड़कन ये कहती है मेरे लब पर दुआ यह है
कहीं मिल जाए वो मुझको मोहबत जिसको कहते हैं
तुम्हारी चाहतों के कुछ कमल इस दिल में खिलने दो
हमारी रूह को पल भर सही चुपके से मिलने दो
डूबो दें प्यार के दरिया में खुद को भी भूला दे अब
मुहब्बत में लगे हर जख्म को अधरों से सिलने दो
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