तेरी यादो के ये जखम मिले हमे !
के अभी स़भले ही थे की फिर गिर पडे
”
मोसम की तरह बदलते हें उस के वादे
उपर से ये ज़िद क तुम मुझ पे एतबार करो ..
”
हर पल उनका साथ निभाते रहे हम
एक इशारे पर दुनिया छोर जाते हम समंदर के बीच धोका किया उसने
वो कहते तो किनारे पर ही डूब जाते हम.
”
उसकी निगाहों में इतना असर था
खरीद ली उसने एक नज़र में ज़िन्दगी मेरी…
”
राज़ खोल देते हैं नाज़ुक से इशारे अक्सर,
कितनी खामोश मोहब्बत की जुबां होती है ….
के अभी स़भले ही थे की फिर गिर पडे
”
मोसम की तरह बदलते हें उस के वादे
उपर से ये ज़िद क तुम मुझ पे एतबार करो ..
”
हर पल उनका साथ निभाते रहे हम
एक इशारे पर दुनिया छोर जाते हम समंदर के बीच धोका किया उसने
वो कहते तो किनारे पर ही डूब जाते हम.
”
उसकी निगाहों में इतना असर था
खरीद ली उसने एक नज़र में ज़िन्दगी मेरी…
”
राज़ खोल देते हैं नाज़ुक से इशारे अक्सर,
कितनी खामोश मोहब्बत की जुबां होती है ….
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