Monday, March 16, 2015

 ठोकर ना लगा मुझे पत्थर नही हु मै,हैरत से ना देख कोई मंज़र नै हु मै उनकी नजर में मेरी कदर कुछ भी नही मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नही हु में



: लहरों को शांत देख कर ये न समझना की
समंदर में रवानी नहीं है..
जब भी उठेंगे तूफान बन के उठेंगे..
अभी उठने की ठानी नहीं है …



 "वो जो हमसे नफरत करते हैं,
हम तो आज भी सिर्फ उन पर मरते हैं,
नफरत है तो क्या हुआ यारो,
कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं।"




लोग कहते हैं प्यार एक ऐसी बिमारी है जिसकी कोई दवा नहीं,अरे उन्हें क्या मालूम बेवफाई एक ऐसी दवा है जिससे यह बिमारी कभी दोबारा नहीं होती.


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