Sunday, March 29, 2015

जलते हुए दिल को और मत जलाना,रोती हुई आँखों को और मत रुलाना,आपकी जुदाई में हम पहले से मर चुके है,मरे हुए इंसान को और मत मारना



 ए खुदा आज ये फ़ैसला करदे, उसे मेरा या मुझे उसका करदे.बहुत दुख सहे हे मैने, कोई ख़ुसी अब तो मूक़दर करदे.बहुत मुश्किल लगता है उससे दूर रहना, जुदाई के सफ़र को कम करदे.



वक़्त गुज़रता गया दूरियाँ बढ़ती गयीजिंदगी यू हीं हर शाम ढलती रहीहर रोज़ मुझसे रूठ जाते थे किसी बात परहर रोज़ मेरी तकदीर बस यूँ बदलती रहीख्वाब आएँगे कैसे इन सुनसान रातों मैंतेरी बिना नींद भी बस मचलती रहीरंज़ की तपिश मे खाक हो गया सब कुछआंसूओ में यूँ ही जिंदगी पिघलती रही




: अँधेरे मे रास्ते बनाना मुश्किल होते है।तूफान मे दीपक जलाने मुश्किल होते है।प्यार किसी से भी करना मुश्किल नही,इसे बस निभाना मुश्किल होता हैं॥



 होठों पे मुहब्बत के फ़साने नहीं आतेसाहिल पे समंदर के ख़ज़ाने नहीं आते।पलके भी चमक उठती हैं सोते में हमारीआंखों को अभी ख़्वाब छुपाने नहीं आते।दिल उजडी हुई इक सराय की तरह हैअब लोग यहां रात बिताने नहीं आते।उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा मेंफिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते।




जिन्दगी कुछ थका थका हूँ मैंदेख ले लड़खड़ा रहा हूँ मैंरेत में ढूँढता रहा मोतीक्या कहूं कितना बावला हूँ मैंजा चुका मेरा काफिला आगेथा जहां पर वहीं खड़ा हूँ मैंखूबियां पूछता है क्यों मेरीकुछ बुरा और कुछ भला हूँ मैंअपनी सूरत कभी नहीं देखीलोग कहते हैं आइना हूँ मैं


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