Saturday, December 12, 2015

बिखर गया है सब कुछ, मेरी लाईफ में !
कुछ यादें बची हैं, इस दिल के पेन ड्राईव में !!
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जिस दिन मैंने दुनिया में, लॉग इन किया !
सारा मोहल्ला खुशियों से रंगीन किया !!
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स्कूल में मेरी, होती अक्सर पिटायी थी !
मैं 2G था, और मैडम वाईफाई थी !!
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उस पर मेरा, सॉफ्टवेयर बडा पुराना था !
ट्यूब लाईट था मैं, जब CFL का जमाना था !!
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गणित में तो, मैं बचपन से ही फ़्लॉप था !
भेजे का पासवर्ड, बड़े दिनों तक लॉक था !!
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कितना भी मारो, भेजे को सिगनल मिलता नहीं !
बिन सिगनल, जिंदगी का नेटवर्क चलता नहीं !!
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जब जब स्कूल जाने में, मैं लेट हुआ !
प्रिंसपल की डाँट से, सॉफ़्टवेयर अपडेट हुआ !!
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हाईस्कूल में, ईश्क का वायरस घुस बैठा !
भेजे में सुरक्षित, सारा डाटा चूस बैठा !!
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नजरों से नजरें टकरायी, 10th क्लास में !
मैसेज आया, मेरे दिल के इनबॉक्स में !!
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जब जब मैंने, आगे बढकर पोक किया !
धीरे से उसने, नजरें झुकाकर रोक लिया !!
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कॉलेज में देखा किसी गैर के साथ, तो मन बैठा !
ईश्क का वायरस, एंटीवायरस बन बैठा !!
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वो रियल थी, लेकिन फ़ेक आईडी सी लगने लगी !
बातों से अपनी, मेरे यारों को भी ठगने लगी !!
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आयी वो वापस, दिल पे मेरे नॉक किया !
लेकिन फ़िर मैंने, खुद ही उसको ब्लॉक किया !!
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मेरे जीवन में, अब प्यार के लिए स्पेस नहीं !
मैं 'मीत' हूँ पगली, मजनू का अवशेष नहीं !!
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कॉलेज से निकला, दुनियादारी सीखने लगा !
बना मैं शायर, देशप्रेम पर लिखने लगा !!
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जब दिल चाहे, तसवीर नयी बनाता हूँ !
आदमी को उसका, असली चेहरा दिखलाता हूँ !!
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डरता है दिल, जिंदगी मेरी ना वेस्ट हो !
जो कुछ लिखूँ, सदियों तक कॉपी पेस्ट हो !!
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ख्वाहिश है, मेरे गीत जहाँ में लाउड हों !
इस 'ज़िंदगी' का क्या है, जाने कब लॉग आउट हो !


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