Saturday, December 12, 2015

बेताब दिल की तमन्ना यही है तुम्हे चाहेंगे, तुम्हे पूजेंगे तुम्हे अपना खुदा बनायेंगे
सुने सुने ख्वाबो में, जब तक तुम ना आये थे खुशियाँ थी सब औरों की, गम भी सारे पराये थे अपने से भी छुपाई थी, धड़कन अपने सीने की
हम को जीना पड़ता था, ख्वाईश कब थी जीने की अब जो आ के तुम ने, हमे जीना सीखा दिया हैं चलो दुनियाँ नई बसायेंगे
भीगी भीगी पलकों पर, सपने कितने सजाये हैं दिल में जितना अन्धेरा था, उतने उजाले आये हैं
तुम भी हम को जगाना ना ,बाहों में जो सो जाये जैसे खुशबू फूलों में, तुम में यूँ ही खो जाये
पलभर किसी जनम में, कभी छूटे ना साथ अपना तुम्हे ऐसे गले लगायेंगे वादे भी हैं, कस्मे भी, बीता वक्त इशारों का
कैसे कैसे अरमां हैं, मेला जैसे बहारों का सारा गुलशन दे डाला, कलियाँ और खिलाओ ना
 हसते हसते रो दे हम इतना भी तो हंसाओ ना
दिल में तुम ही बसे हो, सारा आँचल वो भर चुका है कहा इतनी खुशी छुपायेंगे

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